Friday, April 1, 2016

प्रदर

श्वेत प्रदर ---

१ शकरकन्द और जिमीकन्द समान भाग मे लेके इसको छाया मे सुखा लें फिर इसका बारीक चूर्ण बना लें । ताजे पानी, बकरी के दूध, या फिर अशोक की छाल के क्वाथ मे शहद मिला कर ५ ग्राम रोज लीजिये ये योग सभी प्रकार के प्रदर मे लाभकारी है।
२दारूहल्दी, बबूल क गोंद,शुध्द रसांजन १०-१० ग्राम पीस ले। पीपल की लाख ,नागरमोथा ,सोनागेरू ५-५ ग्राम और २० ग्राम मिश्री सभी को अच्छी तरह कूट लें अब सुबह शाम २से३ ग्राम ताजे पानी से लें यह सभी तरह के प्रदर रोग दूर करता है।
३ चौलाई की जड ५ग्राम चावल के धोवन के साथ शहद मिला कर लें
४;मोचरस, अनार की कली डाक का गोंद १०-१० ग्राम पठानी लोध समुद्र शोथ ४०-४० ग्राम मिश्री ५० ग्राम सभी को अच्छी तरह से कूट लें और कपडे से छान लें फिर मीठे दूध से १० ग्राम रोज लें।
५वासा स्वरस शहद में मिलाकर लें।
६ गिलोय स्वरस श्हद मे मिलाकर लें।
७;कुशा की जड को चावल के धोवन के साथ पीस कर पियें इससे सभी प्रकार के प्रदर रोग दूर होते हैं ।
८;त्रिफला ,मुलहठी, नागरमोथा लोध काचूर्ण शहद मे मिलाकर लें ये हर प्रकार के प्रदर रोग मे फायदा करता है।
९;बेर का चूर्ण गुड मे मिलाकर रक्त प्रदर मे देने से बहुत फायदा होता है।
१० लाख का चूर्ण गाय के घी मे मिलाकर लेने से रक्त प्रदर मे बहुत फायदा होता है।
११;गूलर का पका हुआ फल ताजे पानी से खायें तो श्वेत प्रदर दूर होता है।
१२ मुल्तानी मिट्टी ३ ग्राम मिश्री ३ ग्राम ताजे पानी के साथ शहद के साथ लें यह श्वेत प्रदर मे बहुत फायदा करता है।
१२;मोचरस का चूर्ण बकरी के दूध के साथ लें ये बहुत से प्रदर रोगों मे फायदा करता है।
१3;कपास की जड का चूर्ण चावल के धोवन मे पीस ले और उसका सेवन करें यह श्वेत प्रदर मे लाभकारी है

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